तने की आड़ी व खड़ी काट में कोशिकाओ की व्यवस्था व कार्यों का अवलोकन करना।

                                   प्रयोग 

उद्देश्य-तने की आड़ी व खड़ी काट में कोशिकाओ की व्यवस्था व कार्यों का अवलोकन करना।

आवश्यक सामग्री- कोमल तना वाला पौधा (जिमीकंद/सदाबहार / मनीप्लांट) एक काँच का गिलास, लाल स्थाही, कटर/ ब्लैंड,

विधि - चुने हुए पौधे को दो शाखाएँ लें।

दोनों शाखाओं के तने से जुड़े भाग को ब्लैंड यां कटर की सहायता से समतल करें|

 किसी एक की शाखा को आडी तथा दूसरे की शाखा

को खड़ी काटते हैं। 

अब हैड्लैंस की सहायता से देखते हैं। 

पुन काँच के गिलास में तीन चौथाई पानी लेते हैं. इसमे लाल स्याही की इतनी मात्रा मिलाते हैं कि पानी

गहरे लाल रंग का हो जाए।

  इस पानी में दूसरी शाखा को खडी कर लगभग दो घंटे के लिए सूर्य के प्रकाश में रख देते हैं

दो घंटे बाद इस शाखा के तने की खड़ी व आडी काट का अवलोकन करते हैं तथा डुबी हुई शाखा की पत्तियाँ, के किनारों व शिराओ का भी अवलोकन करते हैं।

अवलोकन- हम देखते है कि खड़ी काट का कुछ भाग लाल स्याही से रंग जाता हैं।

दुसरी शाखा का जाइलम वाला भाग लाल हो गया हैै।

हम कह सकते हैं कि लाल स्याही से रंग वाला भाग पौधे में पानी के संवहन की भूमिका निभाता है।

रंगीन भागो की कोशिकाओ की व्यवस्था अन्य भागो की व्यवस्था से भिन्न हैं।

परिणाम - लाल स्याही में रंगा भाग जाइलम है जो पौधे में पानी के संवहन का कार्य करती हैं।

सावधानियाँ- पौधे की शाखाओं को काटते समय तिरछा नही काटना चाहिए।

ब्लैंड या कटर जंग लगा हुआ नही होना चाहिए ।

ब्लैंड या कटर तेज धार वाला होना चाहिए।

लाल/गुलाबी स्याही की माता इतनी होनी चाहिए की गिलास का पानी पूर्णत: लाल। गुलाबी हो जाए।

काँच का गिलास साफ-सुथरा होना चाहिए ताकि स्पष्ट रूप से दिखाई दे।

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