मानक हिंदी के प्रमुख लक्षण


                 मानक हिंदी के प्रमुख लक्षण

मानक हिंदी वह है जो व्याकरण के नियमों से बद्ध परिनिष्ठित होती है। मानक हिंदी में क्षेत्रीयता व स्थानीय बोलियों के प्रभाव के साथ ही अरबी, फारसी और अंग्रेजी शब्दों का भी समावेश होता है । मानक हिंदी का प्रयोग प्रायः सरकारी कार्यालयों में ,भाषणों में, पत्र लेखन में ,समाचार पत्रों में, सांस्कृतिक, प्रशासनिक और शैक्षिक जीवन में होता है । हिंदी में जहांँ' मानक हिंदी भाषा 'का विकास हुआ है ,वहींं मानक हिंदी के भी विविध रूपों की छटा देखने को मिलती है ।
प्रकार - मानक हिंदी के प्रमुख प्रकार हैं - औपचारिक   मानक हिंदी, अनौपचारिक मानक हिंदी, औपचारिक उप मानक हिंदी, अनौपचारिक उप मानक हिंदी, क्षेत्रीय बोलियों के प्रभाव से अनुरंजित मानक हिंदी।

 मानक हिंदी के प्रमुख लक्षण -

1. मानक हिंदी में मानक शब्दों का प्रयोग होता है ।2.मानक हिंदी व्याकरण सम्मत होती है।
3. मानक हिंदी उच्चारण और लेखन अशुद्धियों से मुक्त होती है ।
4. यह सर्वमान्य है अर्थात् इसे समस्त बोलियों के बोलने वालों की सहमति तथा समर्थन प्राप्त होता है ।
5. सभी प्रतिष्ठित जन औपचारिक अवसरों पर इसका प्रयोग करते हैं ,जैसे - गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति जी भारत की जनता को संदेश देते हैं, वह औपचारिक मानक हिंदी में होता है।
6. इसमें भाषा की अनुशासन का दृढ़ता से पालन होता है ।
7. उसने क्षेत्रीय अथवा स्थानीय प्रयोगों से बचने की प्रवृति होती  है अर्थात् वह एक रूप होती है।

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