सार लेखन का आशय स्पष्ट तथा प्रक्रिया को समझना
प्रोफ़ेसर बाल गोविंद मिश्र के अनुसार," किसी रचना की अर्थी संरचना को अव्याहत रखते हुए उसकी भाषिक रचना को एक तिहाई भाषिक रचना में पुनर सरजीत पुनर सुरजीत करने की प्रक्रिया को संक्षेपण या सार लेखन कहते हैं "|सरल भाषा में हम इसे इस तरह कह सकते हैं कि किसी विस्तृत विवरण ,विस्तृत व्याख्या ,वक्तव्य ,पत्र-व्यवहार ,लेख ,तथ्यों तथा निर्देशों के उस संयोजन को संक्षेपण कहते हैं ,जैसे -अप्रासंगिक ,असम्बध्द, पुनरावृत्ति और आवश्यक बातें निकाल दी जाती है तथा अनिवार्य तत्वों को संयोजन किया जाता है ।
सार लेखन-
संक्षेपण अथवा सार लेखन के लिए हमें 5 बिंदुओं पर विशेष ध्यान देना चाहिए -1 संक्षेपण पुणे हो ।
2 यह पूरे भाग का तिहाई हो ।
3 केंद्रीय भाव की अभिव्यंजना स्पष्ट हो ।
4 भाषा सरल शुद्ध तथा स्पष्ट हो ।
5 क्रम के साथ प्रवाह बना रहे ।
संक्षेपण के लिए आवश्यक प्रक्रिया-
1 अवतरण को तीन चार बार पढ़ें ।2 अनावश्यक शब्दों एवं वाक्यों को रेखांकित कीजिए ।
3 विचारों के तारतम्य की रक्षा करें।
4 केंद्रीय भाव को खोजें ।
5 अपनी ओर से कुछ ना जोड़ें ।
6 विशेषण, क्रिया विशेषण को अलग कर दें ।
7 वाक्य खंडों को शब्दों में बदल दें ।
8 पारोक्ष कथन को अन्य पुरुष में बदल दें ।
9 लंबे वाक्य को छोटा कर दे।
10 एक भाव की दुबारा पुनरावृत्ति न हो।
केंद्रीय भाव -
प्रत्येक रचना में ,(चाहे वह गद्य हो, अथवा पद्य) एक मुख्य या प्रधान भाव निहित होता है जिसे "केंद्रीय भाव "कहते हैं। इसी केंद्रीय भाव पर पूरी रचना आधारित होती है ।यह केंद्रीय भाव ही शीर्षक को जन्म देता है अर्थात् इसी के आधार पर रचना का शीर्षक निर्धारित किया जाता है ।केंद्रीय भाव को लिखते समय निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखना चाहिए-
संपूर्ण रचना या अवतरण को एकाग्रचित्त होकर पढ़कर, उसके मुख्य-मुख्य अंश को रेखांकित कर लेना चाहिए ।फिर उसमें से भी पुनः विशिष्ट एवं महत्वपूर्ण अंशो को चुन लेना चाहिए। मुख्य-मुख्य बातों को क्रमबद्ध रूप से नोट कर लेना चाहिए। केंद्रीय भाव पूरे अवतरण का एक चौथाई भाग होना चाहिए ।सारांश में कई वाक्य आते हैं सार में कुछ वाक्यों का प्रयोग होता है तथा केंद्रीय भाव एक वाक्य में ही लिखा जाता है ।
केंद्रीय भाव की भाषा स्वयं छात्र की होनी चाहिए ।अवतरण का अनुकरण नहीं होना चाहिए ।
वाक्य सरल अथवा संयुक्त भी हो सकता है।
3 Comments
Nice
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" शनिवार 14 मई 2022 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद! !
ReplyDeleteबहुत सुन्दर और ज्ञानवर्धक लेख 👌👌👌👌🙏🙏
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